जुमानजी- वेलकम टू द जंगल : फिल्म समीक्षा - Hacking With Kali Linux

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जुमानजी- वेलकम टू द जंगल : फिल्म समीक्षा



जुमानजी : वेलकम टू द जंगल की सबसे अनोखी बात यह है कि वीडियो गेम और रियल वर्ल्ड को मिला दिया गया है जिससे दोनों ही दुनिया का अनोखा अहसास होता रहता है। कल्पना और हकीकत का यह मिलन रोमांच और मनोरंजन करता है। इस बार जुमानजी को आधुनिक तकनीक का सहारा भी मिला है। जंगल देखने का मजा थ्री-डी विधा में बढ़ जाता है।



फिल्म 1996 से शुरु होती है। एलेक्स नामक किशोर को रेत में दबा 'जुमानजी' नामक बोर्ड गेम मिलता है। अब बोर्ड गेम कौन खेलता है? कह कर वह कोई रूचि नहीं लेता। वह दौर वीडियो गेम का था जब कैसेट्स लगा कर गेम खेले जाते थे। जुमानजी नामक वो गेम वीडियो गेम में बदल जाता है।


फिर कहानी शिफ्ट होती है आज के दौर में। चार टीनएजर्स को अलग-अलग कारणों से एक कमरे को साफ करने की सजा सुनाई जाती है। वहां पर उनके हाथ जुमानजी नामक वीडियो गेम हाथ लगता है। वे टीवी से कनेक्ट कर गेम खेलते हैं। अचानक वे इस दुनिया से जुमानजी के जंगल में अपने आपको पाते हैं। वे जो किरदार को चुनते हैं उसमें वे बदल जाते हैं।


पढ़ाकू और डरपोक स्पेंसर एक शक्तिशाली इंसान (ड्वेन जॉनसन) में बदल जाता है। हट्टा-कट्टा फ्रिज एक दुबले और नाटे इंसान (केविन हार्ट) के रूप में अपने आपको पाता है। लड़कों से बात करने में घबराने वाली मार्था एक हॉट लड़की (करेन गिलान) में परिवर्तित हो जाती है। सबसे मजेदार कैरेक्टर तो बैथनी को मिलता है। वह एक मोटे पुरुष के रूप में बदल जाती है।


कैरेक्टर के बदलाव को लेकर निर्देशक और लेखक ने कुछ मजेदार सीन बनाए हैं। कुछ जोक्स 'एडल्ट' किस्म के भी हैं, लेकिन इनका मजा लिया जा सकता है।


जब ये टीनएजर्स वीडियो गेम के शक्तिशाली किरदारों में बदलते हैं और अपनी-अपनी शक्तियों और कमियों से परिचित होते हैं तब दर्शकों का अच्छा खासा मनोरंजन होता है।


किरदारों की यहां से यात्रा शुरू होती है अपने आपको गेम की दुनिया से बाहर निकाल कर फिर से दुनिया में आने की। लेकिन यह इतना आसान नहीं है। गेम को जीतना होगा। कई लेवल पार करना होंगे। इस यात्रा को बेहद रोमांचक बनाया गया है।


कुछ दर्शकों को यह बात अखर सकती है कि विलेन को बेहद शक्तिशाली नहीं बताया गया है, लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि बजाय एक खास किस्म के विलेन पर फोकस करने के वीडियो गेम की तरह अलग-अलग विलेन बनाए गए हैं। कभी ये बाइकर्स के रूप में आते हैं, कभी गैंडा बन कर पीछा करते हैं, कभी मगरमच्छ के रूप में निगलने आते हैं तो कभी जगुआर बन मुश्किल पैदा करते हैं।


स्क्रिप्ट की दूसरी खासियत फिल्म के प्रमुख किरदारों की केमिस्ट्री है। आपस में वे एक मजबूत टीम बन कर सामने आते हैं। इनके बीच कई दृश्य मजेदार हैं जो गुदगुदाते हैं।


हां, लॉजिक को कई बार दरकिनार रखा गया है, लेकिन इसे इग्नोर इसलिए किया जा सकता है कि आप एक वीडियो गेम का हिस्सा हैं और वीडियो गेम में लॉजिक से ज्यादा एंटरटेनमेंट का ध्यान रखा जाता है।


निर्देशक जेक कस्डन ने फिल्म को मनोरंजक बनाया है। उनके प्रस्तुतिकरण में ताजगी महसूस होती है। फिल्म का मूड उन्होंने हल्का-फुल्का रखा है और फिल्म देखने में वीडियो गेम खेलने जैसा मजा मिलता है।


ड्वेन जॉनसन अपनी एक्टिंग से ज्यादा अपने लुक्स से प्रभावित करते हैं। वे बॉडी-बिल्डिंग के चैम्पियन की तरह लगते हैं। ब्रेवस्टोन के किरदार के रूप में जब वे धुनाई करते हैं तो मजा आता है। उनके बोले गए संवाद मनोरंजन करते हैं। केविन हर्ट, करेन गिलन, निक जोनास, जैक ब्लैक सहित अन्य कलाकारों का अभिनय भी बेहतरीन है।


फिल्म को 3-डी में देखना विशेष अनुभव है। कई दृश्य 3-डी में मजा देते हैं। मनोरंजन के लिए यह एक्शन, एडवेंचर, कॉमेडी फिल्म को वक्त दिया जा सकता है। यदि आपने पहले वाली मूवी देख रखी है तो भी यह फिल्म मजा देती है।


रेटिंग : 3.5/5




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